विद्यार्थियों हेतु आवश्यक निर्देश
- 01 सभी विद्यार्थी संस्था प्रमुख के अनुशासनिक नियंत्रण में रहेगें, तथा संस्था के नियमों का पालन आवश्यक होगा। यदि किसी छात्र-छात्रा का आचरण संस्था के नियमों के विपरीत पाया गया तो उस विद्यार्थी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। पाठ्यक्रम के दौरान कभी विद्यार्थी का प्रवेश नि किया जा सकता है। यदि किसी भी कारणवश प्रवेश निरस्त किया जाता है तो कोई भी शुल्क वापस नहीं किया जावेगा।
- 02 किसी भी पाठ्यक्रम में न्यूनतम 50% सीटों पर प्रवेश के पश्चात ही उस पाठ्यक्रम को प्रारंभ किया जाना संभव हो सकेगा।
- 03 सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को परिषद के नियमानुसार पूरे शिक्षण सत्र के दौरान 80% लिखित 85% प्रायोगिक कक्षा में उपस्थित होना अनिवार्य होगा।
- 04 किसी प्रकार के मतभेद की स्थित में वह शहडोल न्यायालयीन क्षेत्र के अन्तर्गत होगा।
- 05 संस्था द्वारा समय-समय पर आयोजित पाठ्यक्रमों से संबंधित सेमीनार, विशेषज्ञ कक्षा, एजुकेशन, स्वास्थ्य कैम्प. शासकीय स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों (पल्स पोलियो, एड्स, मलेरिया आदि) या अन्य सभी आयोजनों में सभी विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से भाग लेना होगा।
- 06 प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों की असावधानी के कारण यदि संस्था की चल और अचल सम्पत्ति को पूर्ण या आंशिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो उस समय संबंधित विद्यार्थी को उपरोक्त क्षति का भुगतान करना पड़ेगा।
- 07 पाठ्यक्रम में कोई भी विद्यार्थी किसी भी राजनीतिक दल से या इन्स्टीट्यूट या अन्य संस्था के विद्यार्थी यूनियन/ एसोसिएशन से कोई संबंध नहीं रखेंगे व इस प्रकार की कोई अन्य गतिविधियों/ कार्यक्रमों में भाग न लेंगे अन्यथा संस्था प्रमुख द्वारा नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
- 08 संस्था में रैगिंग में भाग लेना या प्रोत्साहित करना पूर्ण वर्जित है, इस प्रकार की गतिविधियों में सम्मिलित विद्यार्थियों पर सख्त कार्यवाही कर दंडित किया जाएगा। उनका प्रवेश निरस्त किया जा सकता है। जिसकी समस्त जिम्मेदारी छात्र एवं अभिभावक की होगी।
- 09 संस्था द्वारा समय-समय पर आयोजित साप्ताहिक, मासिक, अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं में विद्यार्थियों को उपस्थित रहना अनिवार्य होगा इनके आधार पर ही आन्तरिक मूल्यांकन के अंक निर्भर रहेगें।